चाँद बिंदी बन के माथे से लगा हर सितारा जैसे चुनरी में जड़ा क़तरा-क़तरा चाँद हर दम घट रहा चाँद बिंदी बन के माथे से लगा हर सितारा जैसे चुनरी में जड़ा क़तरा-क़तरा चाँद ह...
साँस में साँस की आहें हर फिक्र की दुआ लगती हो साँस में साँस की आहें हर फिक्र की दुआ लगती हो
दिल करे मैं देखता उसको रहूँ बस आज़म इतना वो हंसी है ख़ूब चेहरा। दिल करे मैं देखता उसको रहूँ बस आज़म इतना वो हंसी है ख़ूब चेहरा।
चाँद की ये रौशनी कोई रौशनी नहीं होती। चाँद की ये रौशनी कोई रौशनी नहीं होती।
काश! मेरी हर बात तुमसे शुरू औ खत्म होती काश! मेरी हर बात तुमसे शुरू औ खत्म होती
याद आता है तुम्हारा चेहरा हो जाते फिरसे चलने को तैयार। याद आता है तुम्हारा चेहरा हो जाते फिरसे चलने को तैयार।